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पुराने नियम के इतिहास की रूपरेखा
परिचय
जल प्रलय से पहले का काल, (उत्पत्ति 1:1-8:13)
जल प्रलय के बाद का काल, (उत्पत्ति 8:10-11:26)
पुरखाओं का काल, (उत्पत्ति 11:27-50:26)
दासत्व का समय, (निर्गमन 1-14)
जंगल में घूमने का समय, (निर्ग. 15-40, लैव्य., गिनती., व्यवस्था.)
विजय का काल, (यहोशू 1-24)
न्यायियों का काल, (न्यायियों, रूत, 1 शमू. 1-10)
संयुक्त राज्य, (1 शमू. 11-31; 2 शमू.; 1 राजा 1-11)
उत्तरी राज्य, (1 राजा 12-22; 2 राजा 1-17)
दक्षिणी राज्य, (1 राजा 12-22; 2 राजा 1-25; 2 इति. 10-36)
निर्वासन का काल
निर्वासन के बाद का काल
नये नियम के इतिहास की रूपरेखा
पुराने व नये नियमों का अंतराल
परिचय
सुसमाचार का इतिहास
जन्म व शैशवकाल, (मज़ी 1, 2; लूका 1, 2)
तैयारी का काल, (मज़ी 3-4:11; मरकुस 1:1-13; लूका 2:40-4:13; यूहन्ना 1:19-28)
गुमनामी का काल, (यूहन्ना 1:29-4:54)
महान गलीली सेवकाई
पलिश्तीन के सब भागों में अंतिम सेवकाई
यीशु की सेवकाई का अंतिम सप्ताह
अंतिम दिन (मज़ी 26:45-27:66 और समानान्तर पद)
चालीस दिन, (मज़ी 28; मरकुस 16; लूका 24; यूहन्ना 20, 21; प्रेरितों 1:1-12)
प्रेरितों का इतिहास
यरूशलम में कलीसिया की स्थापना तथा बढ़ना, (प्रेरितों 1-7)
कलीसिया का विस्तार, (प्रेरितों 8-12)
अन्य जातियों में पौलुस के मिशनरी दौरे, (प्रेरितों 13-21:26)
पौलुस का चार वर्ष का कारावास, (प्रेरितों 21:27-28:31)
प्रेरिताई का बाद का इतिहास
अतिरिक्त भाग पुराना नियम
अतिरिक्त भाग नया नियम
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